शांत सी थीं वो
शांत हि थीं
न माथे पर शिकन न शंका ज़रा सी
शंका हो भी कहाँ अब यहाँ
वो बी अब उनके साथ जा चुकी है
सालों सुना
अब देखा तो जाना
जाना न चाहो पर जाना कभी है
जो जियो अभी तुम तो समझो की जिया
जो शिकन है अभी, तो शिकन हि जाना साथ सही है
पता था मुझे वो जायेंगी अभी, अब
न पता यह है की में जाऊंगा कभी कब
जब हमेशा तुम्हे यहाँ रहना नहीं है
जो शिकन है अभी, तो शिकन हि जाना साथ सही है
क्या दिया अभी तब ?
क्या किया अभी तक?
जो शांत हि तुम चली जातीं
मुझे अभी ये बातें चाहे भाती नहीं हैं
पर त्योरियां हटाने से शिकन यूँ जाती नहीं है
मुझे ख़ुशी है इसकी
की यहाँ वो नहीं
वो तो शायद उनके साथ जा चुकी है|
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