Wednesday, August 10, 2011

i got company

गम नहीं हैं कुछ खास
यह तो बस मौसम नम है
चाहत क्या करें कोई किसी से
समय ही कितना कम है
कमी कह नहीं रहा हूँ
साथ आज ही तो सब हैं
रात भर लिखता हूँ में
और रोते बादल हरदम हैं
बारिश बरसे कभी सोचा तो था
पर प्यास है अब तब बरसी यह खट्टी नमी है
सही कहते हैं सब वहां देर है और अंधेर नहीं है |

3 comments:

SD89 said...

wah yr nice peom...gud one..

Pooja said...

there is nothing mor beautiful then the company of nature.... beautiful composition

ankur khurana said...

nice..... :-)!